एक समय की बात है। एक गाँव में चमन नाम का एक चतुर किसान रहा करता था। वह बड़ा ही मेहनती और ईमानदार किसान था। उसके पास एक छोटी सी जमीन थी। चमन उसी जमीन पर बेहतर तरीके से खेती कर अच्छी पैदावार करते थे और अपने परिवार का भरण पोशण करता था। किसान का पूरा परिवार उन्हीं जमीन के उगे फसलो पर निर्भर रहते थे। चमन दिन रात अपने खेतो में मेहनत कर फसलो की देखभाल करते और रात भर जंगली जानवरो से फसलो की रखवाली करते थे।
चतुर किसान की कहानी
एक दिन गाँव में एक व्यापारी आया। व्यापारी सीधा चमन के घर पहुंचा और उसे अपनी बड़ी सी ज़मीन बेचने की प्रस्ताव रखा। व्यापारी ने किसान से कहा कि मैं तुम्हें अपनी ज़मीन को दोगुनी कीमत पर खरीदने के लिए तैयार हूँ।
क्या तुम मुझे अपनी जमीन बेचोगे। चतुर चमन ध्यानपूर्वक सोच विचार किया और उससे कहा कि मुझे तुम्हारे प्रस्ताव से सहमत नहीं हूं। मेरी छोटी सी जमीन है और में उस जमीन पर अच्छी सी फसल उपजा कर मुनाफा कमाता हूं और परिवार वालो के साथ अच्छी जिंदगी गुजर बसर कर रहा हूं।
व्यापारी के प्रस्ताव को किसान ने ठुकराया
व्यापारी हैरान हो उससे पूछा कैसे। किसान ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया मैं अपने खेत में कई छोटे छोटे फलो के पेड़ लगाया हूं। जिससे मुझे बहुत अच्छा लाभ निकल जाता है। इन सारे पेड़ो से मुझे हर साल अच्छी फलो की पैदावार होती है, जिससे बेचकर मैं मुनाफा कमाता हूं और अपनी आय को दोगुना करता हूं।
व्यापारी ने उससे कहा कि क्या तुम मुझे अपनी खेत को दिखा सकते हो। किसान ने जवाब दिया क्यों नहीं। चमन ने व्यापारी को अपने खेत की ओर ले गया। व्यापारी ने खेत में पेड़ पौधा देख प्रसन्न हुए। वह समझ गया कि चमन का सीधा मतलब था कि वह अपनी छोटी सी ज़मीन को अच्छी तरीके से खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकता था बिना उसे बेचे। कुछ समय बाद व्यापारी वहां से चला गया।
कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि हमें हमारी उपलब्ध संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। छोटी सी ज़मीन या संसाधन को भी अगर समझदारी और मेहनत से सही तरीके से प्रबंधित किया जाए, तो हम अपने आप को सफलता की ओर आसानी से ले जा सकते है।
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