एक समय की बात एक गांव में एक आदमी रहा करता था। जिसका एक छोटा सा घर था और वह बस आज में जीने जितना कमाता था, उसे कल का कोई भय ना था। उसकी ईश्वर में अपार भक्ति थी। उसका मानना था कि ईश्वर जो करता है भले के लिए करता है।
उसके चेहरे पर शांति का भाव देखकर कई लोगों को उस पर क्रोध आता था । सच तो या था कि लोग उसे जलते थे। आज के समय में हमें कोई किसी को संतुष्ट देकर जलता है पर वह व्यक्ति सभी को सीखाना चाहता था कि ईश्वर में विश्वास रखें। वह जो करेगा अच्छा के लिए ही करेगा।
संतुष्ट जीवन : बच्चों की कटी उंगली
एक दिन गांव में एक बच्चे की उंगली दरवाजे में फंस गई और कट गई। वह बहुत रोया। पास के दवा की दुकान पर ले जाकर उसकी मरहम पट्टी कराई गई, लेकिन उसकी कटी आधी उंगली को नहीं जोड़ा जा सका। उनके माता बहुत रो रही थी। उसके पिता भी बहुत दुखी थे वह भी बहुत रो रहे थे।
तभी वह संतुष्ट व्यक्ति वहां से गुजरा उसने पूरी बात सुनकर बच्चे व उसके माता-पिता को समझाया और कहा भगवान में विश्वास रखो वह जो करेगा सब अच्छे के लिए करेगा।। यह सुनकर बच्चों के मां-बाप और गांव के लोगों को गुस्सा आ गया। हमारे बच्चे की उंगली कट गई इसमें तुम्हें और तुम्हारे भगवान को क्या अच्छा दिख रहा है। वह व्यक्ति मुस्कुराता हुआ बोला देखो सज्जन वक्त तुम्हें सब बताया और वहां से चला जाता है।
बलि चढ़ने से बच गया बच्चा
कुछ महीने बाद गांव में कुछ अंधविश्वासी जंगली लोगों की टोली के कारण भय उत्पन्न हो गया। वे लोग हर एक गांव से एक बच्चे को ले जाते और उसकी बलि देते। उनका मानना था कि इससे खुशहाली आती है। अब इस गांव की बारी थी। गांव वाले लोग इस बच्चे को उठाकर बलि देने ले गए, जिसकी छोटी उंगली कट गई थी।
उसके मां-बाप का रो-रो कर बुरा हाल था पर उन लोगों ने एक न सुनी। उनके अनुसार जिनकी बलि दी जाती है वह शहीद माना जाता है। जब उसे बच्चों को बलि के लिए तैयार किया गया तब उसे टोली के मुखिया ने देखा कि बच्चे की एक उंगली कटी हुई है। सिर्फ सही सलामत वाले बच्चों को ही बलि दी जाती थी लेकिन उसकी उंगली कटी हुई थी।
इस तरह उन लोगों ने इस बच्चे को छोड़ दिया और वहां से चले गए क्योंकि उन्हें एक गांव से एक ही बच्चा लेना था। बच्चा सही सलामत घर पहुंच गया सभी की खुशी का ठिकाना न था तभी वहां संतुष्ट व्यक्ति आया बच्चों के मां-बाप ने उसको हाथ जोड़कर का भाई तुम सही थे ईश्वर जो करता है अच्छे के लिए करता है।
कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ऐसा नहीं की अंधविश्वासी बने और भगवान पर सब कुछ छोड़ कर्महीन बन जाए। लेकिन अगर कोई दुर्घटना घटी है तो उसे लेकर ना बैठे आगे की और देखें क्योंकि जीवन में जो होता है, उसका कोई ना कोई अर्थ जरूर होता है।
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