एक समय की बात है। एक गांव में एक बंदर और एक उंट रहा करते थे। वे दोनो अच्छे मित्र थे। बंदर और उंट दोनो हर वक्त साथ रहा करते थे। हमेशा साथ खेलते और खाते पीते मौज उड़ाते थे। एक दिन गर्मी के मौसम में बंदर और उंट ने विचार किया कि वे गांव से बाहर जाकर जंगल में ठंडी ठंडी हवा खाएंगे और एक साथ घूमेंगे। वे दोनो बहुत खुश थे कि वे पड़ रही इस गर्मी में जंगल में जाकर मस्ती करेंगे।
बंदर और उंट : बंदर और उंट को जंगल में मिला खजाना, देख हुए खुश
एक दिन सुबह सुबह बंदर और उंट जंगल की ओर निकल पड़े। वे दोनो जंगल पहुंच गए और जंगल के हरे भरे वातावरण का आनंद उठाने लगे। वे दोनो जंगल में लगे पेड़ो के मीठे फलो को खाकर अपना पेट भरते थे। नदी झरने में जाकर घंटो स्नान किया करते और मस्ती करते थे। एक दिन दोनो जंगल में घुम रहे थे कि उसे एक पुराना खंडहरनुमा गुफा मिला। दोनो ने उस गुफा के अंदर गया तो वहां देख अचंभित हो गया।
दोनो को वहां एक पुराना खजाना दिखा। उसने खजाने को खोद निकाला। खजाना बहुत बड़ा और भारी था, लेकिन यह उनके लिए एक समस्या बन गया। खजाने का उंट अपने पीठ पर रख कर जाने लगा। जंगल में उंट को खजाना लेकर चलने में कठिनाइयां हो रही थी। क्योंकि खजाना बहुत भारी था। उंट ने बंदर से कहा अरे भाई यह खजाना तो बहुत भारी है और हमें इसे साथ लेकर जंगल में जाने में परेशानी हो रही है।
बंदर और उंट हुए सफल
बंदर मुस्कराया और उंट को साहस रखो दोस्त। हम साथ है और हम मिलकर इस कठिनाई का सामना कर सकते हैं। हमें इस खजाने को साथ लेकर जंगल से निकलना है और मिलकर कामयाब होना है। उंट और बंदर ने मिलकर खजाने को लेकर आगे बढ़ना शुरू किया।
उन्होंने साथ में काम किया और खजाने को सफलता पूर्वक संजोए रखा। अंत में उन्होंने खजाने को सफलतापूर्वक लेकर आए गए और अपनी यात्रा को समाप्त की। खजाने को पहुंचाने के बाद उंट और बंदर ने एक-दूसरे को गले लगाया और अपनी मित्रता को और भी मजबूत बना लिया।
कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि साथ मिलकर और सहयोग करके हम बड़ी मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। हमारे दोस्ती का सही मतलब होता है कि हम हर समस्याओं का सामना मिलकर करते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं, ताकि हम सफलता की ओर बढ़ सके।
60+ Short Stories in Hindi पेज पर और अधिक नैतिक कहानियाँ पढ़ें।