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काफी पुरानी बात है हसीनापुर नाम का एक गांव था। उस गांव में एक बुद्धिमान ब्राह्मण रहता था। ब्राह्मण गरीब था पर उसकी बुद्धि बहुत ही तेज थी। वह गांव के लोगो को हर समस्याओं को समाधान निकाल देता। उनके मार्गदर्शन से लोगो को लाभ भी मिलता था।
बुद्धिमान ब्राह्मण की कहानी
एक दिन गांव के कुछ लोग एक जरूरी समस्या का समाधान कराने को लेकर उसके घर पहुंचे। लोगो ने ब्राह्मण को बताया कि गांव में बच्चे खेलने के लिए बहुत अधिक झूला का निर्माण हो रहा है, जिससे किसानो के खेतो में लगे फसल बर्बाद हो रहे है।
ब्राह्मण ने ध्यानपूर्वक पूरी बात को सुनी और फिर एक योजना बनाई। वह गांव के बच्चों को एक खेल खेलने के लिए कहा जिसमें वे झूला फूल के पौधों को हलके हाथों से हिलाना सीखते।
ब्राह्मण ने अपनी बुद्धि से फसलो को नुकसान से बचाया
खेल ने बच्चों को काफी मजबूत व निपुन बना दिया और उनमें झूले फूलों के प्रति सावधानी बढ़ा दी। ब्राह्मण ने बच्चो से वादा किया कि वह उसे खेलने के लिए रोज एक गोली देगा।
जिस बच्चे का झूला फूल को बिना हिलाए झूलाएगा उस बच्चे को गोली मिलेगी। ब्राह्मण की योजना के बाद बच्चे रोज झूले को फूलों को बिना हिलाए खेल खेलते और गोली जीतते। धीरे-धीरे झूले की संख्या कम हो गई जिससे किसानों के खेतों को नुकसान पहुंचना बंद हो गया था।
कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि बुद्धिमानी और योजनाबद्धता से हम कोई भी समस्या का समाधान निकाल सकते है। ब्राह्मण ने छोटे बच्चों के साथ एक सामाजिक खेल का आयोजन किया और उन्हें समस्या के समाधान के लिए सहायता की।
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