किसान की बुद्धिमत्ता । The Farmer’s Wisdom

kisan ki budhhimata

बहुत पुरानी बात है एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। किसान गरीब तो जरूर था पर उसमें बुद्धि और संघर्ष की भावना थी। अपने खेत में वह कठिन परिश्रम करता और फसलो को उगाता।

एक बार गांव में सूखाड़ पड़ गया। बारिश नहीं होने के कारण गांव के सारे खेत खाली पड़े थे। सारे खेत मानो बंजर दिखाई पड़ रहे थे। बारिश नहीं होने के कारण अधिकांश किसान काफी परेशान थे, उनके पास खाने के लिए पर्याप्त अनाज नहीं था।

किसान की बुद्धिमत्ता

हालांकि इस गरीब किसान के पास भी खाने के लिए अनाज की समस्या थी। पर उसने अपनी बुद्धि से गांव के समीप एक कुएं से अपने खेत को पूरी तरह से भिगो उसमें बीज डाले और धैर्य बनाए रखा।

वह समय समय पर कठिन परिश्रम कर पानी लाता और फसलो को भिगोता। वह अपनी फसल को बेहतरीन तरीके से पानी दिया और अच्छी पैदावार पाया।

गरीब किसान के कठिन परिश्रम से उनके खेत फसलो सेे लहलहाया

दूसरे किसान दुखी थे। बारिश नहीं होने के कारण उन्होंने अपने खेत को छोड़ दिया। उस गरीब किसान ने परिश्रम से काम किया और फसल को सफलतापूर्वक उगाया।

कुछ दिनो बाद समय के साथ बारिश होने लगी और खेत की स्थिति में सुधार हुआ। गरीब किसान की परिश्रम से उसका खेत अब फसलों से भर गया था और उसने अच्छा मुनाफा भी कमाया।

कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि संघर्ष और बुद्धि से हम समस्याओं का समाधान निकाल सकते है। कठिन परिश्रम से हम हर राह को आसान बना सकते है और आगे हमे सफलता ही मिलती है।

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