मुर्गा और मुर्गी की कहानी (The Story of Cock and Hen)

murga aur murgi ki kahani

एक बार की बात है एक गांव में एक मुर्गा और एक मुर्गी रहते थे। दोनो आपस में अच्छे दोस्त थे और हमेषा साथ मिलकर उछल कूद करते और साथ रहते। एक दिन मुर्गा मुर्गी खेल रहे थे। खेलते खेलते गांव के कुछ चले गए और जहां मुर्गी ने एक सोने का अंडा देखा।

सोने के अंडे को देख वह बहुत ही खुश हो गई। उसने मुर्गे से कहा दोस्त तुरंत इधर आओ देखो यहां एक सोने का अंडा मिला है। हमें इसे ले जाना चाहिए और इसे बेच कर हम बहुत अमीर हो जाएंगे।

मुर्गा और मुर्गी की कहानी : मुर्गी ने तोड़ा अंडा, नहीं निकला सोना

मुर्गा सभी चिंताओं के बावजूद उसे सावधान रहने की बात कहता है। पर मुर्गी ने उसकी बात नहीं मानी। वह सोने के अंडे के पास गई और चूजे की आवाज़ निकाली और अंडा को तोड़ दिया। जब उसने अंडे की तोती को खोला तो उसने देखा कि अंडे के अंदर कोई सोना नहीं है।

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सिर्फ और सिर्फ एक साधा अंडा था। मुर्गा ने कहा कि मुझे तुम्हारी बात पर यकीन नहीं था और अब तुमने हमें अपनी आत्मघाती नजरों से दिखा दिया कि अपारंपरिक चीजें दिखाने की कोई अच्छी बात नहीं होती।

कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी कभी आसपास की चीजों को बड़ा और अच्छा देखने का प्रयास करते है पर हमें उनकी सच्चाई को जाननी चाहिए। अक्सर लोग दिखाकर अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमें समझना चाहिए कि खुशियों और समृद्धि की दिशा में हमारे आत्मविश्वास, मेहनत की जरूरत होती है।

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