अनमोल घड़ा (The Priceless Pitcher)

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एक समय की बात है मोहनपुर नामक एक गांव में मुंशी नाम का एक किसान रहता था। उनका परिवार काफी गरीब था। उनके पास खाने पीने के लिए बहुत ही कम सामग्री थी।

जीवन के भरण पोषण के लिए परिवार के सदस्यो को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ता था, लेकिन उनके पास एक अनमोल घड़ा था। घड़ा बहुत ही सुंदर चमकदार था। परिवार के सभी सदस्य घड़े की सुरक्षा व रख रखाव करते थे।

अनमोल घड़ा : किसान ने घड़े को बेच कर दी भूल

मुंशी काफी गरीब था। उसे पैसो की जरूरत थी। जब किसान रात के वक्त सो रहा था तब उसके मन में एक विचार आया। उसने सोचा कि घड़ा को बेचकर वह अपनी गरीबी को दूर कर सकेगा। सुबह होते ही वह गांव के एक साहुकार के पास गया और घड़े बेचने के लिए उससे चर्चा की।

साहुकार ने किसान को उस अनमोल घड़ा के बदले बहुत कम मूल्य दिए। गरीब परिवार ने उस घड़े को आखिरकार को बेच दिया पर उसे उसकी कीमत का अंदाजा नहीं था।

अनमोल घड़ा : साहूकार ने घड़े को तोड़ा, निकले सोने चांदी के सिक्के

कुछ दिनो के बाद साहुकार ने उस घड़े को तोड़ दिया। घड़े के टुटते ही उसके अंदर से बहुत सारे सोने चांदी के सिक्के निकले। घड़े से सोना चांदी निकलने की बात पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। गांव के कई लोग उसे देखने के लिए साहुकार के घर पहुंचे।

जब यह बात गरीब किसान व उसके परिवार वालो को पता चली कि घड़े से सोने चांदी निकले तो वे लोग बहुत पछताने लगे। उसे नहीं पता था कि घड़ा कितना मूल्यवान था। वे अपने अत्यंत धन को खो दिया था। उसे यह पता चला कि किसी चीज की असली मूल्य जान लेने और समझ लेने के बाद ही उसकी कीमत लगानी चाहिए।

कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि हमें जीवन में बिना सोचे समझे बड़ी मूल्यवान चीजों को बेचने या खोने के फैसले नहीं लेने चाहिए। अक्सर हम अपने मानवीय मूल्यों और बातों की महत्वपूर्णता को नकारते हैं, जो हमारे जीवन में असली धन होते हैं। इसलिए हमें कुछ चीजो की सच्ची मूल्य को समझने की कोशिश करनी चाहिए।

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