बंधनपुर नाम एक शहर में एक व्यापारी रहता था। उसका नाम मदन था। उसका व्यापार अच्छा चल रहा था। वह प्रत्येक दिन अपने व्यापार के लिए भाड़े की गाड़ी से दूसरे शहर की यात्रा करता था। एक दिन वह बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहा था कि वहां एक भिखारी आ पहुंचा और उससे कहा कि मैं बहुत दिनो से भूखा हूं।
कुछ पैसे दे दो जिससे में खाना खा सकूं। व्यापारी ने कहा कि तुम्हारे पास भीख मांगने के अलावा और कोई काम नहीं है। अगर मैं तुम्हें पैसे दूं तो तुम मुझे बदले में क्या दोेगे। भिखारी ने कहा मेरे पास तो तुम्हे देने को कुछ नहीं है पर मैं तुम्हे इसके बदले में दुआ दे सकता हूं। नहीं चाहिए तुम्हारी दुआ मेरा व्यापार अच्छा खासा चल रहा है यह कहकर व्यापारी वहां से चला गया।
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फूल बेचकर भिखारी बना बड़ा कारोबारी
भिखारी ने सोचा यह सच है कि मेरे पास देने के लिए कुछ नहीं है। तभी उसने अपने सामने कुछ फूलों के पेड़ देखे। उसने उन फूलों को तोड़ा और वहां से चला गया। अब उसके पास पैसे के बदले देने को फूल था। वह लोगो को फूल देने लगा और लोग उसे पैसे देने लगे। भिखारी उन पैसो से अच्छे और सुंदर फूल खरीदते और बेचते।
ऐसा करते करते वह फूल का अच्छा खासा व्यापार शुरु कर देता है, अब सब उसे फूल वाला बुलाने लगते है। एक दिन वही व्यापारी वहां से गुजर रहा था। वह काफी परेशान दिख रहा था। फूल बेच रहे भिखारी ने व्यापारी के पास जाकर कहा हुजुर अपने मुझे पहचाना। व्यापारी ने बाला नहीं कौन हो भाई।
फूल वाले ने कहा आप बहुत ही परेशान लग रहे हो। उसने जवाब दिया हां भाई मुझे व्यापार में घाटा हो गया है। मंदिर जा रहा था भगवान से प्रार्थना करने शायद भगवान कोई चमत्कार कर दे। फूल वाले ने कहा मंदिर जा ही रहे हो तो आप फूल लेते जाओ भगवान पर चढ़ाना। व्यापारी के पास मात्र 20 रूपए थे और उसे वह पैसा किसी दूसरे काम में लगाना था। उसने फूल वाले को कहा कि तुम्हारे फूल के बदले मेरे पर देने को कुछ नही है।
भिखारी ने व्यापारी को मददगार की सहायता करने की कही बात
फूल वाले ने व्यापारी से पैसे नहीं मांग उससे कहा कि आप मुझे सिर्फ दुआ दे देना। उसकी बातें सुनकर व्यापारी को सारी बात स्मरण हो गई। उसे पछतावा हुआ और माफी मांगी और उससे पूछा कि तुम तो भिखारी थे ना तुम फूल का इतना बड़ा कारोबार कैसे करने लगे।
फूल वाले ने कहा आपने ही तो बोला था ना कि कोई अगर कुछ देता है तो उसके बदले तुम्हे भी कुछ देना चाहिए। तो मैं सबको फूल देना शुरू कर दिया और आज मैं फूल का व्यापार करने लगा।
अगर आप भी ऐसे किसी व्यक्ति को भीख मांगते देखते हैं। जो कुछ करने में समर्थ हो तो आप उसकी सहायता करें और बताएं कि तुम कुछ काम धंधा करके पैसे कमाओ भीख न मांगो।
कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि हमे हर इंसान की मदद करनी चाहिए। क्या पता आपकी एक सहायता से किसी की जिंदगी ही बदल जाए।
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