बीरबल और अली (Birbal and Ali)

birbal aur ali

काफी पुरानी बात है। एक बार मुग़ल सम्राट अकबर के दरबार में दो मंत्री रहते थे। वे दरबार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। जिसका नाम अली और बीरबल था। अकबर दोनों मंत्रियों के उपास्य थे क्योंकि उनकी बुद्धिमत्ता और समझदारी उन्हें बहुत पसंद थी। एक बार अपने दरबार में राजा अकबर ने एक सवाल पूछा।

कोई ऐसा व्यक्ति है जो ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत और महंगा कुछ बना सकता है। अली और बीरबल ने दोनों सोचने लगे। कुछ देर बाद दोनो सोचने के बाद तय किया कि यह अवसर एक बड़ा सबक सिखाने का हो सकता है।

बीरबल और अली : बीरबल सेे दरबार में लोगो ने सीखी सबक

अली ने एक बड़े हीरे को लेकर आया और एक अत्याधिक कीमती मूर्ति का आदान-प्रदान करने का प्रस्ताव दिया। वहीे बीरबल ने एक बड़ा आईना लेकर आया और कहा हुजुर हीरे और मूर्तियों से कहीं अधिक खूबसूरत चीज बना सकते हैं वह आईना है। आईना ही है जो आपको आपकी अंदर की सच्चाई को दिखाता है।

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जिसपर अकबर ने बीरबल की बात मान ली। वह समझ गया कि खूबसूरती सिर्फ बाहरी दिखावट से नहीं आती, लेकिन अंदर की सच्चाई से भी जुड़ी होती है। दरबार में सभी लोग बात को सुनकर जीवन की हकीकत को जाना।

कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि खूबसूरती को केवल बाहरी रूप से नहीं देखना चाहिए, बल्कि हमें अपने अंदर की सच्ची गुणों को महत्व देना चाहिए। आदर्श और नैतिकता हमारे व्यक्तिगत खूबसूरती को बढ़ावा देता हैं और हमें बेहतर और सफल व्यक्ति बनाता हैं।

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