हंस और उल्लू (The Moral Story of Swan And Owl)

hans aur ullu

एक बार की बात है। एक घने जंगल में एक सुंदर तालाब था। तालाब के चारो ओर कई पेड़ लगे हुए थे। उसी तालाब में एक हंस रहा करता था। वह अपना जीवन अच्छे से व्यतीत कर रहा था। एक दिन एक उल्लू तालाब किनारे पेड़ पर आकर बैठ जाता है और कहने लगता है कि यह कितना सुंदर तालाब है और मैंने इतनी सुंदर जगह को कभी नहीं देखा है।

तालाब में रह रहे हंस ने उल्लू से कहती है कि अरे भाई तुम यहां क्या कर रहे हो। हंस से मित्रता करने की इच्छा से वह बोला, क्या तुम वही हंस हो जो यहां बहुत दिनों से रहता है। मैंने तुम्हारी बहुत तारीफ सुनी है। मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूं।

हंस और उल्लू : हंस और उल्लू के बीच हुई गहरी मित्रता

उल्लू की मीठी मीठी बातो को सुनकर हंस खुष हो जाता है और उससे कहता है कि दोस्त तुम हमारे मेहमान हो। मेरा आतिथ्य स्वीकार करो। कुछ दिनो में ही दोनो में गहरी मित्रता हो जाती है और दोनो साथ में तालाब के पास रहने लगते है। एक दिन उल्लू ने कहा दोस्त तुमसे अपनी मेहमानी कराते बहुत दिन हो गए।

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मुझे अब जाना चाहिए। कृपया कर तुम मुझे अनुमति दो। हंस ने उसे जाने की इजाजत दी, जिसके बाद उल्लू वहां से चला गया। कुछ दिनों के बाद हंस उल्लू से मिलने गया। जिस पेड़ पर उल्लू रहता था उसी पेड़ के नीचे पहुंच गया। हंस ने नीचे से उल्लू को आवाज दी।

हंस को देखकर उल्लू बहुत प्रसन्न हुआ और कहा इतने दिनों बाद मिले हो मित्र तुम्हें देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। कुछ दिन यहीं रूक जाओ। जिसके बाद हंस कुछ दिनो के लिए वहीं रूक जाता है।

हंस और उल्लू : उल्लू के कारण हंस को गंवानी पड़ी अपनी जान

एक दिन उसी पेड़ के नीचे वहां से गुजर रहे यात्री पेड़ के पास ठहर कर आराम कर रहे थे। कुछ समय आराम करने के बाद यात्री वहां से जाने लगे। जैसे ही यात्री वहां से जाने लगे वैसे ही उल्लू ने बोलना शुरू कर दिया। यात्रियों ने इसे अपशकुन माना। एक यात्री ने कहा कि तुुरंत इस उल्लू को मार डालो।

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इसका बोलना हमारे लिए अशुभ होगा। इसी पर दूसरे यात्री ने निशाना साधकर उल्लू पर तीर चला दिया पर दुर्भाग्यवश निशाना चूक गया और हंस को जा कर लग गई। बेचारा हंस जान से हाथ धो बैठा। यह देख उल्लू को बहुत दुख हुआ और अपने मित्र को मरा देख कर रोने लगा।

कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि हमे गलत लोगों से मित्रता नहीं करनी चाहिए। आगे चलकर हमे इसका बड़ा परिणाम भुगतना पड़ता है। गलत लोगो से मित्रता करना भयंकर मूर्खता है।

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