मुर्गी पहले आई या अंडा (The Story of Hen and Egg)

pehle murgi aayi ya anda

एक समय की बात है। एक दिन बादशाह अकबर के दरबार में राजसभा का आयोजन हो रहा था। उसी दिन दरबार में एक ज्ञानी पंडित आ पहुंचा था। उन्हें कुछ सवालो का जवाब बादशाह से जानने थे। लेकिन बादशाह के लिए उसके सवालों का जवाब देना बहुत ही मुश्किल हो रहा था।

बादशाह ने पंडित के सवालों के जवाब देने के लिए बीरबल को आगे कर दिया। बीरबल की चतुराई को सभी जानते थे। सभी को उम्मीद थी कि बीरबल पंडित के हर सवाल का जवाब आसानी से दे देगा। पंडित ने बीरबल से बोला मैं तुम्हें दो विकल्प देता हूं। एक या तो तुम मुझे मेरे सौ आसान से सवाल के जवाब दो या फिर मेरे एक मुश्किल सवाल का जवाब दो। बीरबल ने सोचने के बाद कहा कि मैं आपके एक मुश्किल सवाल का जवाब देने चाहूंगा।

मुर्गी पहले आई या अंडा : बीरबल ने बड़ी चतुराई से दिया पंडित के सवाल का जवाब

पंडित ने बीरबल से पूछा तो तुम बताओ कि मुर्गी पहले आई या अंडा। बीरबल ने तुरंत पंडित को जवाब देते हुए कहा कि मुर्गी पहले आई। जिसपर पंडित ने उसने पूछा कि तुम इतनी आसानी से कैसे कह सकते हो कि मुर्गी पहले आयी। जिसपर बीरबल बोला पंडित जी यह आपका दूसरा सवाल है और मुझे आपके एक ही सवाल के जवाब देना था।

Also Read :-

ऐसे में पंडित बीरबल के सामने कुछ बोल नहीं पाया तथा बिना कुछ कहे दरबार से चला गया। बीरबल की चतुराई को देखकर अकबर हर बार की तरह इस बार भी बहुत की प्रसन्न हुआ। इससे साबित होता है कि बादशाह अकबर के दरबार में बीरबल जैसे सलाहकार का रहना कितना जरूरी है।

कहानी से सीख :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि सही तरह से दिमाग का उपयोग करने और संयम रखने से हम हर सवाल का जवाब दे सकते है तथा हर समस्या का समाधान निकाल सकते है।


अधिक कहानियों के लिए Short Stories in Hindi with Moral for Kids पृष्ठ पर जाएँ।

Leave a Comment