एक घने जंगल में अचानक काफी तेज हवा चल रही थी। जिससे बचने के लिए एक सियार पेड़ के नीचे छिप गया। अचानक उसपर पेड़ की एक बड़ी टहनी गिर पड़ी। जिससे सियार के सिर में गहरी चोट आयी और वह डर कर अपनी खोह की ओर भागा। चोट के कारण कई दिनों तक वह शिकार पर नहीं जा सका। भोजन न मिलने से सियार दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा था।
एक दिन उसे बहुत जोर से भूख लगी थी और उसे अचानक एक हिरन दिखाई दिया। सियार उसका शिकार करने के लिए बहुत दूर तक हिरन के पीछे दौड़ा। पर वह जल्दी थक गया और हिरन का शिकार नही कर सका। सियार पूरे दिन भूखा प्यासा जंगल में भटकता रहा, लेकिन उसे कोई मरा जानवर भी नहीं मिला। निराश होकर सियार ने गांव की ओर जाने की सोची। उसे उम्मीद थी कि गांव में उसे कोई बकरी या मुर्गी मिल ही जाएगा खाने के लिए।
नीले सियार की कहानी: सियार ड्रम में गिरकर हुआ नीला
गांव में सियार शिकार ढूंढ रहा था, लेकिन तभी उसकी नजर कुत्तों के झुंड पर पड़ी, जो उसकी ओर आ रहे थे। सियार वहां से भाग धोबियों की बस्ती की ओर दौड़ने लगा। कुत्ते उसके पीछे पड़ गए थे और भौंकते भौंकते उसका पीछा करने लगे।
सियार को कुछ समझ नहीं आया तो वह धोबी के उस ड्रम में जाकर छुप गया, जिसमें नील घुला था। सियार को नहीं देख कुत्ते वहां से चले गए। बेचारा सियार पूरी रात उस नील के ड्रम में छिपा रहा। सुबह ड्रम से बाहर आया, तो उसने देखा कि उसका पूरा शरीर नीला हो चूका है।
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सियार चालाक था उसने नीले रंग का फायदा उठाया और जंगल में चला गया। जंगल में उसने घोषणा किया कि वह भगवान का संदेश देना चाहता है, इसलिए सारे जानवर एक जगह इकट्ठा हो जाएं। जिसके बाद सारे जानवर एक पेड़ के नीचे एकत्रित हो गए। सियार ने जानवरों की सभा में कहा क्या किसी ने कभी नीले रंग का कोई जानवर देखा है मुझे ये अनोखा रंग भगवान ने दिया है और कहा है कि तुम जंगल पर राज करो।
सभी जानवर सियार की बात मान गए। सभी ने बोला बोलिए महाराज क्या आदेश है? सियार ने कहा सारे सियार जंगल से चले जाएं, क्योंकि भगवान ने कहा है कि सियारों की वजह से जंगल पर बड़ी आपदा आने वाली है। नीले सियार की बात को भगवान का आदेश मानकर सारे जानवर सियारों को जंगल से बाहर खदेड़ दिया। नीले सियार ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि अगर सियार जंगल में रहते तो उसकी पोल खुल सकती थी।
नीले सियार की कहानी: चांदनी रात में खुली सियार की पोल
नीला सियार अब जंगल का राजा बन चुका था। सभी जानवर उसकी सेवा करने लगे। सियार का मन किसी जानवर को खाने का करता तो वह उसकी बलि मांग लेता। अब सियार कहीं नहीं जाता था। एक दिन चांदनी रात में सियार को प्यास लगी। वह अपनी खोह से बाहर आया, तो उसे सियारों की आवाज सुनाई दी, जो दूर ये आ रही थी।
रात को सियार हू-हू की आवाज करते हैं, क्योंकि ये उनकी आदत होती है। नीला सियार भी अपने आप को रोक न सका। उसने भी जोर-जोर से हू हू की आवाज करने लगा। आवाज सुनकर सभी जानवर जाग गए। उन्होंने नीले सियार को हू-हू की आवाज करता देख उन्हें पता चला कि यह एक सियार है और इसने सभी को बेवकूफ बनाया है। सारे जानवर उस पर टूट पड़े और उसे मार डाला।
कहानी से सीख (Moral of The Story) :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि हमें कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए। एक न एक दिन झूठ की पोल खुल जाती है। किसी को भी ज्यादा दिनों तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है।
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